Tuesday, 11 April 2017

नए जवाहर

नए जवाहर आये हैं 
सबके सपनों में छाये हैं। 

छोटे - छोटे कई जवाहर 
उन से भी हैं बड़े जवाहर 
अख़बारों के पन्नों पर 
बिखरे सारे ढेर जवाहर। 

टी वी इनका 
एंकर इनके 
रूपया इनका 
सिक्के इनके 
बातें इनकी 
करनी इनकी 
ये ही केवल ,
भारत के सरमाये हैं। 
नए जवाहर आये हैं। 

डिजिटल दुनिया 
इनका कहती 
इनका सुनती 
बड़े सुहाने सपने बुनती 
सपनों में जो छेद  दिखाते 
उन पर ये हैं शोर मचाते 
चिल्ला - चिल्ली , हल्ला - गुल्ला 
गाली बकते भर भर कुल्ला 
राष्ट्रवाद में ये ही केवल ,
सारे तपे - तपाये हैं। 
नए जवाहर आये हैं। 

बात - बात में देश का रोना 
साफ़ करेंगे कोना - कोना 
पूछ रहे हैं रोज - रोज ये 
तुम तो मेरे साथ ही हो न ?
ऐसे हैं ये नए जवाहर 
अब क्या करना राम मनोहर ?

बाते करते रहे अभी तक 
गाँव गली और खेतों की 
मजदूरों और दलितों की 
पानी बानी और जवानी 
खो कर रह गए राम मनोहर। 
सोचो कैसे संसद में तुम 
आ पाओगे राम मनोहर। 

ऐसे हैं ये नए जवाहर 
कैसे हैं ये नए जवाहर। 

करुणेश 
(रचना तिथि - ०२। ०४। २०१७ )
पटना 
११। ०४। २०१७ 

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