आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू की जन्म तिथि है। उनके जीवन से सम्बंधित दो घटनाएं याद आ रहीं हैं जिनका उल्लेख ही मेरे आज के ब्लॉग का विषय है। लेकिन पहले यह स्पस्ट कर दूँ कि मैं किसी भी रूप में कांग्रेसी नहीं हूँ और न ही मैं किसी और राजनितिक दल का शुभचिंतक / समर्थक हूँ। अब आता हूँ उन दो घटनाओं पर जिनका उल्लेख मैं यहाँ करना चाहता हूँ क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि घटनाएं आज के समय - सन्दर्भ में समीचीन भी हैं और महत्त्वपूर्ण भी।
यह भी बताना जरूरी है कि दोनों घटनाओं का स्रोत अखबारी - इंटरनेटी पाठन ही है।
पहली घटना का सम्बन्ध डॉक्टर राम मनोहर लोहिया से है। आजादी के कुछ ही साल बीते थे। यू पी के किसी गाँव में डॉक्टर लोहिया को किसी अनपढ़ महिला ने पूछा कि देश की आजादी से हम गरीबों को क्या हासिल हुआ। लोहिया का जबाब था - यह सवाल तुम्हे भारत के प्रधानमंत्री नेहरू से करना चाहिए क्योंकि मैं भी उनसे यही सवाल पूछ रहा हूँ। महिला ने पूछा - नेहरू कहाँ रहते हैं। लोहिया का जबाब था - दिल्ली , प्रधानमंत्री निवास।आगे लोहिया ने महिला से कहा कि अगर तुम अपना सवाल पूछने दिल्ली जाना तो नेहरू का कलर पकड़कर यह सवाल पूछना क्योंकि तुमने उन्हें वोट दिया है। महिला पहुँच गयी दिल्ली , प्रधानमंत्री निवास सुबह सवेरे। प्रधानमंत्री नेहरू अपने निवास से निकल ही रहे थे। महिला ने ठीक वैसे ही सवाल पूछा जैसे लोहिया ने कहा था (शायद आज यह बात काल्पनिक लगे मगर तब भारत का प्रधानमंत्री इतना ही सहज /सुलभ था) . प्रधानमंत्री नेहरू का उस महिला को जवाब था - आजादी से तुम्हे यह मिला कि तुम अपने प्रधानमंत्री का गिरेबान पकड़ कर यह पूछ सकती हो।
दूसरी घटना कार्टूनिस्ट शंकर से सम्बंधित है। शंकर ने अपने एक कार्टून में प्रधानमंत्री नेहरू की तस्वीर एक गधे के रूपाकार जैसी बनायी थी। अगले दिन कार्टूनिस्ट शंकर को प्रधानमंत्री के सचिव का फ़ोन आया और उनसे पूछा गया - प्रधानमंत्री यह जानना चाहते हैं कि क्या शंकर एक गधे के साथ चाय पीना पसंद करेंगे।
नेहरू का जन्म दिवस एक प्रश्न बन कर खड़ा है मेरे सामने - क्या हमें आजादी मिली ? क्या अभिव्यक्ति के माध्यमों और अभिव्यक्ति के सृजनकर्ताओं को आजादी मिली ?
करुणेश
पटना
१४। ११। २०१७
Mr. Nehru had told to cartoonist Shankar to make cartoon against
ReplyDeletemyself also then shankar started to make cartoon on Nehru.
Its the greatness & democratic approach of Nehru.